वर्ल्ड कप फ्लैशबैक - जब कोर्टनी वॉल्श की खेल भावना के चलते वेस्टइंडीज मैच हारा लेकिन क्रिकेट जीता था

Updated: Wed, May 15 2019 17:14 IST
Courtney Walsh Sportsmanship (Image - Cricketnmore)

क्रिकेट के मैदान पर कई छोटी-बड़ी घटनाएं देखने को मिलती है। कुछ ऐसी होती हैं जो इस खेल की साख पर बट्टा लगा देती हैं तो कई यह बताती है कि क्रिकेट को जैंटलमैन गेम क्यों कहा जाता है। आज 1987 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान और वेस्टइंडीज के बीच हुए मैच के दौरान हुई एक ऐसी ही रोमांचक किस्से की बात करेंगे जो क्रिकेट फैंस के शायद ही पता हो। 

16 अक्टूबर 1987 को वेस्टइंडीज की टीम पाकिस्तान के खिलाफ वर्ल्ड कप का अपना दूसरा मुकाबला खेलने लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम पर उतरी। इस मैच में कैरिबियाई टीम के तेज गेंदबाज कोर्टनी वॉल्श की शानदार खेल भावना के लिए याद किया जाता है।    

वेस्टइंडीज की टीम इंग्लैंड हाथों अपना पहला मैच हार चुकी थी और उन्हें इस मैच में हर हाल में जीत चाहिए था। मैच में वेस्टइंडीज के कप्तान सर विवियन रिचर्ड्स ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। वेस्टइंडीज के ओपनिंग बल्लेबाज डेस्मंड हेन्स और फिल सिमंस ने अपने टीम को एक जोरदार शुरुआत दिलाई और पहले विकेट 91 रनों की साझेदारी की। इतनी अच्छी शुरुआत मिलने के बाद वेस्टइंडीज की टीम लड़खड़ा गई और देखते-देखते पूरी टीम 216 रनों पर ढेर हो गयी।

वेस्टइंडीज के तरफ से सिंमोन्स ने 57 गेंदों में 50 रन बनाए तो वहीं कप्तान विवियन रिचर्ड्स ने 52 गेंदों में 51रनों के महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। पाकिस्तान की ओर से इमरान खान ने मैच में 37 रन देते हुए 4 विकेट चटकाए तो वहीं सलीम जाफर 3 तथा वसीम अकरम के खाते में 2 विकेट आये। 

217 रनों के मामूली लक्ष्य का पीछा करने उतरी पाकिस्तान की शुरुआत खराब रही और उनकी टीम 110 रनों पर 5 विकेट के नुकसान पर संघर्ष कर रही थी। फिर क्रीज पर बल्लेबाजी करने आये पाकिस्तान के विकेटकीपर बल्लेबाज सलीम यूसुफ। सलीम को कप्तान इमरान खान का साथ मिला। पाकिस्तान का स्कोर धीरे- धीरे बढ़ने लगा।

देखिये पूरी कहानी इस वीडियो में

 

पाकिस्तान के रन गति को बढ़ता देख वेस्टइंडीज के कप्तान सर रिचर्ड्स ने गेंद अपने स्ट्राइक गेंदबाज कॉर्टनी वॉल्श को सौंपी। उन्होंने सबसे पहले इमरान खान को 18 के निजी स्कोर पर चलता किया। जब पाकिस्तान की टीम जीत से 15 रन दूर थी तब उन्होंने सलीम यूसुफ को चार्ल्स हूपर के हाथों कैच कराते हुए पवेलियन का रास्ता दिखाया। यूसुफ के आउट होने के 1 रन बाद ही तौसीफ अहमद भी रन आउट हो गए। 

पाकिस्तान की टीम अब 9 विकेट के नुकसान पर 203 रनों के साथ संकट में दिख रही थी। पकिस्तान को अब आखिरी 6 गेंदों में जीत के लिए 14 रनों की जरूरत थी और क्रीज पर अब्दुल कादिर तथा सलीम जाफर के रूप में बल्लेबाजों की आखिरी जोड़ी थी।

वेस्टइंडीज के तरफ से गेंदबाजी का जिम्मा फिर से कॉर्टनी वॉल्श को मिला। आखिरी ओवर की पहली दो गेंदों पर 2 रन आये फिर तीसरीं गेंद पर अब्दुल कादिर के बल्ले से दो रन निकलें। पाकिस्तान को अब जीत के लिए 3 गेंदों में 10 रनों की जरूरत थी। अब्दुल कादिर ने फिर अपने बल्ले का दम दिखाते हुए 4 चौथी गेंद पर छक्का जमा दिया। इस 6 रन से पाकिस्तान के जीतने की उम्मीदें और बढ़ गयी। 

अब पाकिस्तान को जीतने के लिए आखिरी 2 गेंदों पर 4 रन बनाने थे। कादिर ने 5वीं गेंद को गैप में मारा और 2 रन प्राप्त कर लिए। 

अंतिम गेंद पर पाकिस्तान को जीत के लिए 2 रन चाहिए थे। स्ट्राइक अभी भी कादिर के पास थी लेकिन दूसरें छोर पर खड़े बल्लेबाज सलीम जाफर कुछ ज़्यादा ही नर्वस दिख रहे थे। कॉर्टनी वॉल्श के गेंद फेंकने से पहले ही वो क्रीज के बाहर निकल गए। वॉल्श ने गेंद नहीं फेंकी औऱ विकेट की तरफ मुड़। स्टेडियम में बैठे मैच देख रहे सभी दर्शकों की सांसें रुक गयी। वॉल्श के पास जाफर को मांकड़ आउट कर अपनी टीम को जीत दिलाने का मौका था,लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और हँसते हुए सिर्फ चेतावनी देकर छोड़ दिया। वॉल्श की अगली गेंद यॉर्कर थी, कादिर ने क्रीज में अपने लिए थोड़ी जगह बनाई और गेंद को थर्ड मैन की ओर खेल दिया। थर्ड मैन का फील्डर सर्कल के अंदर ही था जिससे कि बल्लेबाजों को आसानी से 2 रन भागने का मौका मिला और पाकिस्तान ने इस रोमांचक मुकाबले को 1 विकेट से अपने नाम किया। 

वॉल्श ने अपनी खेल भावना से सबका दिल जीत लिया लेकिन इसकी कीमत उनकी टीम को हार से चुकानी पड़ी। वेस्टइंडीज की टीम वर्ल्ड कप इतिहास में पहली बार सेमीफाइनल में जगह नहीं बना पाई। हालांकि उनके इस दिल जीतने वाले खेल भावना के कारण पाकिस्तान के उस समय के राष्ट्रपति जनरल जिया उल हक ने उन्हें हाथ से बुनी हुई 'कारपेट' गिफ्ट की थी। 


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शुभम शाह

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