IPL सीजन में एक टीम के '4 कप्तान' - विश्वास कीजिए ये सच है पर इसका नतीजा क्या रहा था?

Updated: Tue, Mar 19 2024 17:25 IST
IPL सीजन में एक टीम के '4 कप्तान' - विश्वास कीजिए ये सच है पर इसका नतीजा क्या रहा था? (Image Source: Google)

KKR: आईपीएल 2024 यानि कि एक और आईपीएल सीजन। ये अंदाजा लगाना कोई मुश्किल नहीं कि हर टीम का थिंक-टैंक सीजन में कामयाबी के लिए नई-नई स्ट्रेटजी के साथ मैदान में है। कई मिसाल हैं अनोखी और लीक से हटकर सोच की पर जो 2009 में कोलकाता नाइट राइडर्स (इसे आगे केकेआर लिखेंगे) ने किया वह तो अद्भुत था- वैसा तो आज तक किसी और ने सोचा भी नहीं। इतनी गहराई से तो टीम के मालिकों में से एक, शाहरुख खान ने अपनी किसी भी फिल्म के प्लॉट के बारे में भी नहीं सोचा होगा। 

 

2008 में आईपीएल के डेब्यू सीजन में टीम के कप्तान प्रिंस ऑफ कोलकाता सौरव गांगुली थे- 8 टीम में से 6वें नंबर पर रहे और स्पष्ट है कि सीजन की सबसे नाकामयाब टीम में से एक। 2009 में टाइटल की तलाश में, कोच जॉन बुकानन ने स्ट्रेटजी एकदम बदल दी- सौरव गांगुली को हटाया नहीं पर उनके नाम के आगे से 'फिक्स्ड' कप्तान का टाइटल हटा लिया और 4 कप्तान घोषित कर दिए। जी हां, एक सीजन में टीम के 4 कप्तान- क्रिस गेल (वेस्टइंडीज), ब्रेंडन मैकुलम (न्यूजीलैंड), ब्रैड हॉज (ऑस्ट्रेलिया) और सौरव गांगुली जिसमें तय हुआ कि मैच से पहले बताया जाएगा कि इस मैच में कौन कप्तान होगा? यहां तक कि लक्ष्मी रतन शुक्ला (तब बंगाल के कप्तान) को रिजर्व कप्तान गिन लिया। इस तरह अनुभवी कप्तानों की सोच की खिचड़ी तैयार हो रही थी। सौरव गांगुली ने इस सोच की धज्जियां उड़ाते हुए मीडिया में कहा- 'इसमें गलत क्या है....कल को कप्तान भी, 4 कोच मांग सकता है।'  

इस पर बवाल तो होना ही था। कोलकाता वालों ने एक तरफ इसे गांगुली के लिए डिमोशन गिन लिया तो दूसरी तरफ पूरे कोलकाता का 'अपमान'। मीडिया खुले आम इसमें बुकानन और गांगुली के बीच ड्रेसिंग रूम में क्लेश के किस्से ढूंढ रहा था तो दूसरी तरफ बुकानन मीडिया के सामने गांगुली के कंधे पर हाथ रख कर ये सफाई देते रहे कि हमारे बीच कोई मतभेद नहीं, कोई विवाद नहीं और ये सब मीडिया द्वारा बनाई स्टोरी हैं। ठीक है बुकानन, गांगुली की लगभग 37 साल की उम्र देख रहे थे जिससे वे कोच की टी20 स्कीम में फिट नहीं हो रहे थे। वे ये भूल गए कि ये कोलकाता शहर है और क्रिकेटर उनके अपने सौरव गांगुली। 

खबर शाहरुख तक भी पहुंच गई कि अगर ये दोनों एक दूसरे को निशाना बनाकर मीडिया में बोलते रहे तो टीम की ब्रांड इमेज पर बड़ा बुरा असर पड़ेगा और लोकल स्पांसर भी भाग रहे हैं। नतीजा- शाहरुख ने मुंबई में मन्नत में बुला लिया सभी को। ऑस्ट्रेलिया को दो वर्ल्ड कप टाइटल दिलाने वाले बुकानन, भारत के सबसे बेहतरीन कप्तान में से एक और कोलकाता की धड़कन सौरव गांगुली, ऑस्ट्रेलिया के ब्रैड हॉज और अन्य कुछ ख़ास लोग- वहां 'समझौता' हुआ और दोस्ती हुई। विश्वास कीजिए- इस मुलाकात के बाद शाहरुख ने खुद सेलेक्टर बन कर मीडिया के सामने कह दिया कि गांगुली ही कप्तान बने रहेंगे। 

बहरहाल सच ये है कि आईपीएल के एक सीजन के बाद ही, भारत के क्रिकेटरों की 'प्रतिष्ठा' या 'आइकॉन प्लेयर' वाले रुतबे के हनीमून को झटका लगना शुरू हो गया था। बैंगलोर में, वहीं के राहुल द्रविड़ को विजय माल्या की रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने और हैदराबाद में, वहीं के वीवीएस लक्ष्मण को डेक्कन चार्जर्स ने कप्तानी से हटा दिया था। केकेआर ने भी वही किया और अपनी मल्टी कप्तान वाली स्ट्रेटजी को रोक कर, गांगुली की जगह ब्रैंडन मैकुलम को नया कप्तान बना दिया। 

संयोग ये रहा कि 2009 की आईपीएल भारत में खेले ही नहीं- इसलिए इन दिग्गज क्रिकेटरों के शहर में माहौल अपने आप शांत हो गया। आईपीएल के शुरू के सालों की 'अपने शहर' वाली इन भावनाओं के लिए आज आईपीएल में कोई जगह नहीं है और ये सिलसिला 2009 की इन बगावत से ही शुरू हुआ था। केकेआर में कोच जॉन बुकानन, गांगुली को कप्तान से हटाने में तो कामयाब हो गए पर उन्हें इस बात का बड़ा अफ़सोस था कि उनकी 'मल्टी-कैप्टन थ्योरी' लागू नहीं हो पाई। रिकॉर्ड साफ़ बता रहा है कि केकेआर, आईपीएल के पहले दोनों साल में किसी भी समय टाइटल जीतने के दावेदार नजर ही नहीं आए। जिस टीम के पास सौरव गांगुली (वनडे के सबसे बेहतर खिलाड़ियों में से एक), ब्रैड हॉज (उस समय टी20 क्रिकेट में स्टार और सबसे ज्यादा रन का रिकॉर्ड), क्रिस गेल (तब इंटरनेशनल टी20 में 100 बनाने वाले अकेले बल्लेबाज). ब्रैंडन मैकुलम (एक रोमांचक विकेटकीपर, जोरदार हिटर) और इशांत शर्मा (बेहतरीन युवा पेसर) हों- उसके साथ ये रिकॉर्ड मेल नहीं खाता।

बुकानन की मल्टी-कैप्टन थ्योरी भले ही लागू नहीं हुई पर बुकानन अभी भी माने नहीं और उन्होंने एक और अनोखा 'मल्टी-कैप्टन थ्योरी एक्सपेरिमेंट' कर दिया। इस एक्सपेरिमेंट में मैकुलम ग्राउंड पर कप्तान थे जरूर पर उनकी मदद के लिए ब्रैड हॉज 'साइलेंट कैप्टन' थे। बात यहीं खत्म नहीं हुई- 3 और 'असिस्टेंट कैप्टेन' थे स्टैंड्स में अलग-अलग जगह बैठे मैथ्यू मोर्ट, एंडी बिकेल और खुद जॉन बुकानन, जो वॉकी-टॉकी से लगातार एक्शन पर आपस में बात कर रहे थे। तमाशा हो रहा था- मैकुलम बार-बार इधर-उधर झांकते थे इशारे के लिए और नतीजा ये हुआ कि गेंदबाज को हर गेंद के लिए अलग-अलग इंस्ट्रक्शन मिलती थी। ये इंस्ट्रक्शन पहले से तय इशारे में मिलती थी।

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तो क्या इस अनोखी सोच से केकेआर ने उस सीजन में तहलका मचा दिया? नहीं- सीज़न में 10 हार और सिर्फ 3 जीत जिसमें लगातार 9 हार का अनोखा रिकॉर्ड शामिल है। तीसरे मैच में सुपर-ओवर हार से इन लगातार हार का सिलसिला शुरू हुआ और 12 मैच तक सिर्फ एक मैच जीते थे। अगर आख़िरी दो मैच न जीतते तो फ्रेंचाइजी क्रिकेट के इतिहास में किसी भी टीम के सबसे खराब सीज़न का नया रिकॉर्ड बनाते। उसके बाद क्या हुआ? सौरव गांगुली इज बैक पर ये एक अलग स्टोरी है।
 

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