भयानक ट्रेन एक्सीडेंट,क्रिकेट पिच पर बहता खून और किसी अपने की मौत-न्यूजीलैंड-साउथ अफ्रीका सीरीज की दर्द भरी कहानी

Updated: Sat, Feb 10 2024 10:14 IST
भयानक ट्रेन एक्सीडेंट,क्रिकेट पिच पर बहता खून और किसी अपने की मौत-न्यूजीलैंड-साउथ अफ्रीका सीरीज की द (Image Source: Google)

Bob Blair And The Tangiwai Disaster: न्यूजीलैंड-साउथ अफ्रीका टेस्ट सीरीज शुरू हो चुकी है। सीरीज शुरू होने से पहले की, सीरीज की हर चर्चा में टॉपिक एक ही था- साउथ अफ्रीका ने अपनी नंबर 2 टीम को चुना। इसीलिए एक और ख़ास बात पर किसी ने ध्यान ही नहीं दिया। जब माउंट माउंगानुई में सीरीज का पहला टेस्ट शुरू हुआ तो ख़ास तौर पर न्यूजीलैंड में, हर किसी ने एक पुराने क्रिकेटर बॉब ब्लेयर को याद किया। ऐसा क्यों? ये एक ऐसा किस्सा है जिसकी क्रिकेट में कोई मिसाल नहीं है और ये आज भी, किसी को भी रोमांचित कर देगा। 

 

वेलिंग्टन के तेज गेंदबाज थे बॉब- 19 टेस्ट खेले, 13 हारे और एक भी नहीं जीते, किसी में 5 विकेट जैसा रिकॉर्ड नहीं बनाया, निचले क्रम के बड़े साधारण से बल्लेबाज, 34 टेस्ट पारी में से सिर्फ 2 में दो गिनती वाला स्कोर बनाया। ऐसे साधारण से रिकॉर्ड वाले खिलाड़ी को भी याद किया तो जरूर कुछ ख़ास बात होगी। वे दो ऐसी पारी खेले जो इतिहास बन गईं- 1962-63 में वेलिंग्टन में इंग्लैंड के विरुद्ध 64* और 1953-54 में जोहान्सबर्ग में साउथ अफ्रीका के विरुद्ध तब खेले जब उनकी टीम को भी नहीं मालूम था कि वे स्टेडियम में हैं। यही दोनों टीम, अब सीरीज खेल रही हैं तो बॉब को याद किया गया। ये बात यहीं ख़त्म नहीं होती क्योंकि अभी तो ये किस्सा शुरू हुआ है। 

सीधे 24 दिसंबर 1953 को जोहान्सबर्ग में शुरू हुए टेस्ट पर चलते हैं। टेस्ट की सुबह मेहमान टीम को खबर मिली कि न्यूजीलैंड के इतिहास का सबसे बड़ा ट्रेन एक्सीडेंट हुआ है- वेलिंगटन से ऑकलैंड जा रही ओवरनाइट एक्सप्रेस का और इसमें 151 यात्री मारे गए। ये द तांगीवाई (Tangiwai) ट्रेन एक्सीडेंट के नाम से मशहूर है। एक्सीडेंट की खबर पर स्टेडियम में, सम्मान में झंडे आधे झुका दिए गए थे। पहले दिन साउथ अफ्रीका का स्कोर 259-8 था और बॉब ने 2-50 का प्रदर्शन किया। 

अगली सुबह न्यूजीलैंड टीम को एक और झटका देने वाली खबर मिली- बॉब ब्लेयर की मंगेतर नेरिसा लव की भी इसी एक्सीडेंट में जान चली गई। सब जानते थे कि 21 साल के बॉब उसे बेहद प्यार करते थे। बॉब सदमे में थे, बुरी तरह रो रहे थे, कांप रहे थे और उनकी ये हालत देखकर तय हुआ कि वे आज के दिन स्टेडियम न जाएं और होटल में ही रुके रहें। स्टेडियम में भी घोषणा हो गई कि बॉब के इस टेस्ट में आगे हिस्सा लेने के आसार नहीं हैं।  

साउथ अफ्रीका को 271 पर आउट करने के बाद न्यूजीलैंड की अपनी पारी भी खौफनाक तेज गेंदबाजी के सामने लड़खड़ा गई। जॉन रीड को 25 मिनट में 5 बार चोट लगी। बर्ट सटक्लिफ और लॉरी मिलर दोनों को सिर पर चोट लगने से हॉस्पिटल ले जाना पड़ा लेकिन दोनों लौटे। डॉक्टर के मना करने के बावजूद मिलर ने बल्लेबाजी की जबकि सटक्लिफ को फिर से चोट लगी पर वे खेलते रहे। 154/9 स्कोर था तो नॉट आउट बल्लेबाज सटक्लिफ भी वापस लौटने लगे। तभी चमत्कार हुआ और टनल से (तब यही रास्ता था) ब्लेयर निकल आए 11वें नंबर पर बल्लेबाजी करने। स्टैंड्स में 23000+ की भीड़ में, उन्हें देखकर सन्नाटा छा गया। 

पूरा स्टेडियम उनकी हिम्मत देखकर तालियां बजा रहा था और खून के प्यासे साउथ अफ़्रीकी खिलाड़ी भी अपने को रोक न पाए। कई खिलाड़ियों और दर्शकों की आंखों में आंसू थे। हैरान सटक्लिफ चिल्ला कर बोले- 'तुम यहां क्या कर रहे हो (What are you doing out here)?' बॉब रो रहे थे और गेंद खेलने से पहले उन्हें अपने आंसू पोंछने पड़े। तब भी क्या गजब की बल्लेबाजी हुई और बॉब ने सटक्लिफ के साथ आख़िरी विकेट के लिए 33 रन जोड़े। बॉब ने अपने टेस्ट करियर की पहली बाउंड्री (एक 6) भी लगाई और क्रिकेट के सबसे बेहतर स्पिनरों में से एक और उस युग के सबसे किफायती गेंदबाज ह्यू टेफील्ड के एक ओवर में तो दोनों ने मिलकर 25 रन भी बनाए। यह तब टेस्ट में एक ओवर में सबसे ज्यादा रन का वर्ल्ड रिकॉर्ड था। बर्ट सटक्लिफ तब 1000 टेस्ट रन बनाने वाले न्यूजीलैंड के पहले क्रिकेटर बने और 80* बनाने में 7 छक्के लगाए जबकि तब तक पूरे टेस्ट करियर में न्यूजीलैंड के किसी भी खिलाड़ी ने 3 से ज्यादा 6 नहीं लगाए थे। 

टेस्ट भले ही साउथ अफ्रीका ने 132 रन से जीत लिया पर न्यूजीलैंड की यह 187 रन की पारी ऐतिहासिक बन गई। एलिस पार्क, जोहान्सबर्ग में यह टेस्ट बॉब की बदौलत सीधे उस ट्रेन एक्सीडेंट की चर्चा का हिस्सा बन गया। इस तरह, उस तांगीवाई (Tangiwai) ट्रेन एक्सीडेंट का सीधे क्रिकेट कनेक्शन बन गया। इस दिल को छू लेने वाले किस्से के बाद देखिए क्या हुआ-  

- न्यूजीलैंड के सबसे मशहूर क्रिकेट लेखक डिक ब्रिटेंडेन ने कहा- ये एक ऐसी कहानी है जिसे हर कीवी मां को अपने बच्चे को सुनाना चाहिए।

- बॉब अब अपनी पत्नी बारबरा के साथ, अब ब्रिटेन के चेशायर में रहते हैं और उस टेस्ट के दोनों टीम से एकमात्र जीवित खिलाड़ी हैं (उम्र 91+)।

- इसे टेस्ट मैच की थीम पर सबसे दुखद, मार्मिक और दिल को छूने वाली स्टोरी में से एक गिनते हैं।  

- इस किस्से और ट्रेन एक्सीडेंट की स्टोरी पर तब से हजारों आर्टिकल, कई किताब  लिखी जा चुकी हैं- साउथ अफ़्रीका में और न्यूज़ीलैंड में भी। 

- न्यूज़ीलैंड में इसी पर एक टीवी फ़िल्म बनी और 'द सेकेंड टेस्ट' टाइटल से एक प्ले सालों चला।

- इस किस्से के कई साल बाद जब ब्लेयर ने अपनी ही स्टोरी को 'द सेकेंड टेस्ट' प्ले के प्रीमियर में देखा तो वे बोले- 'हमारे खिलाड़ी ग्राउंड पर बंदूक की गोली जैसी तेज गेंदबाजी पर घायल हो रहे थे तो मुझे मदद करनी थी। उनका खून बाहर बह रहा था- मेरा खून अंदर बह रहा था और हमने एक-दूसरे की मदद की।

- संयोग से जब ये प्ले शुरू हुआ तो उस घटना को 57 साल हो गए थे, बॉब खुद न्यूजीलैंड के 57वें टेस्ट खिलाड़ी थे, उनकी मृत मंगेतर का एड्रेस था- 57 कॉम्पटन क्रिसेंट, जब लॉरी मिलर रिटायर-हर्ट के बाद बैटिंग के लिए वापस लौटे तो स्कोर 57/5 था और तब बर्ट सटक्लिफ के साथ पार्टनरशिप में 57 रन जोड़े थे। 

- सटक्लिफ ने चिल्ला कर जो बोला- What are you doing out here?, वही इस किस्से पर लिखी सबसे बेहतर किताब का टाइटल है।  

अब आतें हैं मौजूदा संदर्भ पर। इतने सालों बाद, अब इस किस्से को हमेशा के लिए न्यूजीलैंड-साउथ अफ्रीका टेस्ट क्रिकेट से जोड़ दिया है और मौजूदा टेस्ट सीरीज, ट्रेन एक्सीडेंट के नाम से प्रेरित तांगीवाई शील्ड (Taingwai Shield) के लिए खेली जा रही है और भविष्य में भी, इन दोनों टीम की सीरीज इसी शील्ड के लिए खेलेंगे। 

- इस शील्ड को कार्वर डेविड नगती हाइन ने बनाया है न्यूजीलैंड की ऐतिहासिक और बेहद पुरानी लकड़ी पुरीरी से और इसमें तांगीवाई इलाके से लाए पौनामु (pounamu) से बना एक जड़ित मात्र (inlaid mere) भी है।

- तांगीवाई का वहां मतलब है 'रोता हुआ पानी (weeping waters) जो एक्सीडेंट से हुए नुकसान और रुला देने वाली घटनाओं को देखते हुए ख़ास तौर पर 'सही' लगता है।
- शील्ड का अनावरण दोनों टीम की मौजूदगी में हुआ- टौरंगा (Tauranga) में पोहिरी (Powhiri) में। 

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क्रिकेट साउथ अफ्रीका की तरफ से बिलकुल ठीक कहा गया- जरूरी है कि आज और कल की टीमें जानें कि वे कहां से आई हैं और यकीन है कि तांगीवाई शील्ड इसमें मदद करेगी। ये शील्ड खुद एक इतिहास है- क्रिकेट का अनोखा किस्सा।
 

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