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Cricket History - भारत का इंग्लैंड दौरा 1974

साल 1971 के यादगार दौरे के बाद भारत ने 1974 में एक बार फिर इंग्लैंड का दौरा किया। लेकिन इस बार परिणाम उल्टा रहा और अंग्रेजों ने भारत को टेस्ट सीरीज में 3-0 से बुरी तरह रौंदा। इस दौरान भारत

Abhishek  Mukherjee
By Abhishek Mukherjee February 20, 2021 • 08:21 AM
India Tour Of England 1974
India Tour Of England 1974 (Image Source - Google)
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साल 1971 के यादगार दौरे के बाद भारत ने 1974 में एक बार फिर इंग्लैंड का दौरा किया। लेकिन इस बार परिणाम उल्टा रहा और अंग्रेजों ने भारत को टेस्ट सीरीज में 3-0 से बुरी तरह रौंदा। इस दौरान भारत को पहली बार वनडे खेलने का भी सौभाग्य प्राप्त हुआ लेकिन दो मौचों की वनडे सीरीज में भारत को इंग्लैंड के हाथों क्लीन स्वीप मिला। यह दौरा भारत के लिए कई मायनों में खराब रहा।

सीरीज का पहला टेस्ट मैच के ओल्ड ट्रेफोर्ड के मैदान पर खेला गया और यह एक हरी पिच थी। हालांकि यह टेस्ट मैच भारत के लिए उतना भी खराब नहीं रहा। मैच के दौरान इंग्लैंड के लिए डेब्यू कर रहे गेंदबाज माइक हेंड्रीक ने मदन लाल को क्लीन बोल्ड कर दिया। हेंड्रीक द्वारा यह गेंद से पहले ऑफ स्टंप उखड़ा, मिडील स्टंप से भी थोड़ा टकराई और फिर लेग स्टंप को बाहर गिरा दिया। लेकिन सबसे बड़ी हैरानी की बात यह है कि जब मदन लाल पिछे घूमे तो उन्हें सिर्फ मिडील स्टंप खड़ा हुआ देखा।

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लॉर्डस के मैदान पर भारत की स्थिति और भी खराब रही। इंग्लैंड ने पहली पारी में 629 रन बनाए। भारतीय टीम इंग्लैंड के गेंदबाजों के सामने टिक नहीं पाई और 302 रनों पर ऑलआउट हो गई। इंग्लैंड ने भारत को फॉलो ऑन का निमंत्रण दिया। भारतीय टीम ने मैच के तीसरे दिन 2 ओवर बल्लेबाजी की और बिना किसी नुकसान 2 रन बनाए।

अगली सुबह मैदान पर बारिश की संभावना लग रही थी। भारतीय टीम चौथे दिन अभी 15 ओवर और 39 मिनट ही खेल पाई थी की पूरी टीम 42 रनों पर ऑलआउट हो गई। भागवत चंद्रशेखर चोटिल हो गए जिसकी वजह से वो बल्लेबाजी पर नहीं उतरें। यह भारत का अब तक का सबसे कम स्कोर था जब तक साल 2021 में एडिलेड के मैदान पर भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 36 रनों पर ढ़ेर नहीं हुई थी। यहां तक की दूसरे विश्व युद्ध के बाद साल 2019 तक यह किसी भी टीम की सबसे कम समय में समाप्त हुई पारी है।

क्रिस ओल्ड ने 21 रन देकर 5 विकेट चटकाए और ज्योफ आर्नोल्ड ने 19 रन देकर 4 विकेट हासिल किए। यह दौरा भारत के लिए इतना खराब था कि इसे 'समर ऑफ 42' के नाम से जाना गया।

लेकिन भारतीय टीम के लिए चीजें बद से बदतर होती गई। इंडियन हाई कमिश्नर ने उस रात पूरी भारतीय टीम को खाने पर बुलााया था। लेकिन उन्हें ट्रेफिक में फंसने की वजह से 40 मिनट देर हुआ जिसके बाद हाई कमिश्नर ने उन्हें वहां से चले जाने के लिए कहा। हालांकि बाद में इस मुद्दे को सुलझा लिया गया लेकिन उससे पहले भारतीय टीम को बस के बाहर इंतजार करना पड़ा।

बाद में सुधीर नायक को मार्कस और स्पेंनसर के सामने मोजे दिखाने को लेकर हर्जाना उठाना पड़ा और वो दोषी साबित हुए।

ओवल के मैदान पर हुए मुकाबले में इंग्लैंड की टीम के पूरे मैच में केवल 2 विकेट गिरे इसके बावजूद उन्हें एक पारी और 78 रनों की जीत मिली। उन्होंने पहले बल्लेबाजी करते हुए 2 विकेट के नुकसान पर 459 रन बनाक पारी घोषित कर दी और बाद में भारत को पहली पारी में 165 रन और दूसरी पारी में 216 रनों पर ऑलआउट कर दिया।

इंग्लैंड से लौटने के बाद कप्तान अजिच वाजडेकर पर गाज गिरी और पहले उन्हें कप्तानी से हटाया गया, भारतीय टीम में भी जगह नहीं मिली और फिर दिलीप ट्रोफी में वेस्ट जोन की टीम से भी उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। इस खिलाड़ी ने फिर संन्यास की घोषणा कर दी।

इससे पहले उन्होंने 1971 में विजय बाला को इंदौर में उस साल की जबरदस्त जीत का जश्न मनाने के लिए बुलाया था और इस बार वहां कंन्क्रीट बैट पर लिखे खिलाड़ियों के नाम को तार(TAR) से भर दिया।


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